Beti Bachao, Beti Padhao - hindi kavita
Beti Bachao Beti Padhao
( कविता - बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ )
माँ का दिल, बाप की जान
होती हैं बेटियाँ
घर कोई भी हो हर घर की शान
होती हैं बेटियाँ I
छाती हैं बेटियाँ
काली हो रात तो दीयों सा
जगमगाती हैं बेटियाँ I
साथ रोती हैं , साथ साथ
मुस्कुराती हैं बेटियाँ
हर घर खिल उठता है
जब खिलखिलाती हैं बेटियाँ I
ईशवर का वरदान बनकर
आती हैं बेटियाँ
सारे घर को एक माला मे
पिराती हैं बेटियाँ
दिल टूट जाता है जब घर से
जाती हैं बेटियाँ
जाएँ कहीं पर लौट के
तो आती हैं बेटियाँ I
:- सुनील राणा
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